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कांग्रेस के प्रदेश सचिव तरूण बाहेती ने सीसीआई प्लांट की नीलामी का किया विरोध

सीसीआई प्लांट बिकना नीमच जिले के साथ बड़ा धोखा -सांसद सुधीर गुप्ता का चेहरा बेनकाब

नीमच, 5 मार्च 2025

नयागांव के सीसीआई प्लांट की नीलामी कर इसको बेचना नीमच के हितों के साथ अन्याय हैं। नीमच जिले को हर सुविधा छीनने वाले सांसद सुधीर गुप्ता ने अपने संसदीय कार्यकाल में नीमच जिले को एक बड़ा धोखा और दिया हैं। अपने चुनावी वादों में सीसीआई फैक्ट्री को चालू करवाने की बात करने वाले सांसद सुधीर गुप्ता ने सीसीआई फैक्ट्री की नीलामी के टेंडर निकालकर नीमच का एक बड़ा हक छीनने का काम किया है। कांग्रेस सीसीआई सीमेंट फैक्ट्री नीलाम करने के विरोध में आंदोलन करेगी।

कांग्रेस नेता तरुण बाहेती ने नयागाँव स्थित सीसीआई सीमेंट प्लांट की आज से शुरू हो रही नीलामी का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि सीसीआई सीमेंट प्लांट का बिकना नीमच जिले के नाम को समाप्त करने जैसा है। इसके लिए नीमच मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता जवाबदार हैं। सांसद सुधीर गुप्ता जिले में एक उद्योग तो स्थापित नहीं करवा सके, बल्कि पुराने स्थापित सरकारी उद्योग को समाप्त कर नीलाम करने पर तुले हैं। बाहेती ने कहा कि नीलामी टेंडर में यह बात तो स्पष्ट हैं कि सीसीआई सीमेंट फैक्ट्री अब चालू नहीं होगी।

नीलामी टेंडर भी इस तरह निकाला गया है जिसमें सरकार कि मंशा भी स्पष्ट नहीं है कि प्लांट को समाप्त किया जा रहा है या बेचा जा रहा है।

बाहेती ने कहा की कभी नीमच जिले की पहचान रही सीसीआई सीमेंट फैक्ट्री को चालू करवा कर हजारों लोगों को रोजगार दिया जा सकता था। अरबों रुपये वाली इस बेशकीमती सीमेंट फैक्ट्री को कोड़ियों के दाम में बेचने गुपचुप टेंडर निकाला गया हैं। श्री बाहेती ने बताया कि सीसीआई प्लांट 400 हेक्टेयर में फैला हैं तथा 16 0 हेक्टेयर जमीन गांव खेडा राठौर में है, सीमेंट फैक्ट्री की मशीनरी में लाखों टन लोहा भी है। नीलामी में शतों भी स्पष्ट नहीं है। इससे और ज्यादा संदेह पैदा होता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अरबों रूपए के प्लांट को कोड़ियों के दाम बेचने का पूरा खेला किया गया है, जिसमें सांसद सुधीर गुप्ता की भूमिका भी इंकार नहीं किया जा सकता है। बाहेती ने कहा की सन 1980 में शुरू हुई सीमेंट कार्पोरेशन आफ इंडिया जो पिछले कई सालों से बंद है, जिसे चालू कराने के प्रयासों का ढिंढोरा सांसद सुधीर गुप्ता पिछले 10 साल से पीट रहे हैं। पिछले दिनों भी भोपाल में आयोजित ग्लोबल समिट में नीमच जिले में औद्योगिक निवेश को लेकर मीडिया को बताया था कि सीसीआई सीमेंट फैक्ट्री दोबारा चालू करने कि प्रक्रिया चल रही है, सांसद का यह बयान पूरी तरह झूठा साबित हुआ है। बाहेती ने कहा कि खास बात यह है की सीसीआई फैक्ट्री की कीमत 6 वर्ष पहले 460 करोड़ आंकी गई थी तथा करीब 200 करोड़ रुपए में इसको नीलाम करने का टेंडर निकाला गया था, जिसका कई श्रमिक संगठन विरोध किया था। अब 6 वर्ष बाद कोड़ियों के दाम मात्र 44 करोड़ में बेचने का टेंडर निकाला गया है। जो स्पष्ट करता है कि उद्योगपतियों को लाभदेने के लिए सांठगांठ के चलते इतना कम का टेंडर निकाला गया है। उन्होंने कहा कि सांसद सुधीर गुप्ता के कार्यकाल में यह दूसरा मौका है, जब सीसीआई को बेचने के लिए टेंडर निकाला गया है। सीसीआई फैक्ट्री को बंद करने की जवाबदारी से सांसद सुधीर गुप्ता बच नहीं सकते क्योंकि उनके संसदीय क्षेत्र में भारत सरकार का इतना बड़ा उपक्रम बिक रहा है उन्हें पता तक नहीं हो ऐसा संभव ही नहीं है।

“फैक्ट्री बेचने के बजाए, इसे शुरू करने की होती पहल, तो मिलता रोजागर”

श्री बाहेती ने कहा कि सीसीआई सीमेंट फैक्ट्री को बेचने के लिए जिस तरह से गुपचुप टेंडर निकाले गए हैं, इससे क्षेत्रीय सांसद सुधीर गुप्ता की क्षेत्र के विकास और रोजगार के अवसर बढाने को लेकर जो मंशा है, उसे स्पष्ट कर दिया है। उद्योगपतियों को लाभ देने के लिए सीसीआई फैक्ट्री को बेचा जा रहा है, जबकि केंद्र सरकार को फैक्ट्री बेचने के बजाए, इसे फिर आरंभकरना था, जिससे रोजगार के अवसर बढते लेकिन इससे सरकार कोई लेना देना नहीं है। हालात यह है कि सांसद पिछले 12 सालों से रोजागर के अवसर बढाने के दावे कर रहे हैं, पर उनके दावे धरातल पर नहीं उतर पा रहे हैं। इधर सीसीआई फैक्ट्री को शुरू कराने का जो अच्छा मौका था, वह भी उद्योगपतियों को लाभ देने की भेंट चढ गया है।

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