शहर

ममता की मोह माया को त्याग के बिना धर्म धारण नहीं होता है-साध्वी सौम्य दर्शना श्री जी

महावीर जिनालय में उत्तराध्ययन सूत्र तप आराधना में उमड़े समाजजन

नीमच, 16 अक्टूबर 2025

जो व्यक्ति पाप कर्मों का संग्रह करता है वह नरक के दारुण्य दुःख को भोगता है। मनुष्य को संसार में रहते हुए मोह माया से बचना चाहिए परिवार जनों की सेवा का ध्यान रखना चाहिए लेकिन मोह माया नहीं रखना चाहिए। माता-पिता की सेवा करें लेकिन मोह से दूर रहे। मोह व्यक्ति को दुर्गति की ओर ले जाता है और सेवा व्यक्ति को पुण्य कर्म की ओर आगे बढ़ती है। परिवार जनों के प्रति ममता की मोह माया त्यागे बिना धर्म धारण नहीं होता है।यह बात साध्वी सोम्य दर्शना श्री जी मसा ने उत्तराध्ययन सूत्र की वाचना के तीसरे दिन कहीं। वे श्री जैन श्वेतांबर महावीर जिनालय ट्रस्ट एवं चातुर्मास समिति विकास नगर के तत्वाधान में साध्वी सौम्य प्रभा श्री जी मसा आदि ठाणा 4 के चातुर्मास में उत्तराध्यन सुत्र आयम्बिल तपस्या के उपलक्ष्य आयोजित धर्म सभा में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि मनुष्य को यदि सद्गति प्राप्त करनी है तो मोह माया के बंधन को तोड़कर धर्म को केंद्र बनाना होगा। उन्होंने उत्तरायण सूत्र वाचना के चतुर्थ अध्याय में बताया कि 18 वी संजयी कथा में संजयी राजा का वर्णन प्रस्तुत किया गया जिसमें संजय राजा मुनि को ध्यानस्त अवस्था में देखकर अपने दुष्कृत्य कर्मों पर प्रायश्चित करते हैं। मुनिराज के धर्म उपदेश सुनकर राजा वैराग्य प्राप्त कर दीक्षा को ग्रहण कर लेते हैं, 19 वे अध्ययन में मृगा पुत्र की कथा का वर्णन प्रस्तुत कर बताया कि मृगा पुत्र जाती स्मरण ज्ञान से जागृत हो जाता है। इस अध्ययन में नरक की गौर वेदना का वर्णन भी प्रस्तुत किया गया है। बीसवें अध्ययन में निग्रंथ की रचना प्रस्तुत की गई। जिसमें अनाथि मुनि की कथा सुनाई गई। चरित्र अचार तथा ज्ञान आदि गुणों से सम्पन्न निर्ग्रन्थ निराश्रव होता है। वह उत्कृष्ट शुद्ध संयम का पालन कर कर्मों का क्षय करके मोक्ष को प्राप्त कर लेता है।धर्म सभा मे उत्तराध्ययन पाठ के श्लोक का वाचन भी किया गया। भगवान आदिनाथ की जय घोष लगाई गई।

इस अवसर पर श्रावक श्राविकाओं ने तपस्या के पंचखान का संकल्प भी लिया और इस अवसर पर तपस्या करने वाले तपस्वियों की अनुमोदना भी की गई ।इस अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा हर्ष हर्ष जय जय की उद्घोष भी लगाई गई। धर्म सभा में गुरु वंदना कर सभी ने मांगलिक श्रवण कर मंगल आशीर्वाद ग्रहण किया।

इस अवसर पर पंजाब केसरी विजय वल्लभ सुरीश्वर जी मसा की समुदाय वर्तनी, श्रुत भास्कर आचार्य धर्म धुरंधर सुरीश्वर जी मसा की आज्ञानुवर्तनी शासन दीपिका सुमंगला श्री जी मसा की शिष्या शासन प्रभाविका साध्वी सौम्य प्रभा साध्वी सोम्य दर्शना साध्वी अक्षय दर्शना ,साध्वी परम दर्शना श्रीजी मसा का सानिध्य मिला।

इस अवसर पर विभिन्न तपस्वियों की अनुमोदना की गई। धर्म सभा में महावीर जिनालय ट्रस्ट अध्यक्ष राकेश जैन आंचलिया एवं चातुर्मास समिति संयोजक राजमल छाजेड़ सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
.site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}