जीरन कालेज में राष्ट्रीय वेबिनार सम्पन्न वाणी एवं स्वभाव ही व्यक्ति का चरित्र – प्रोफेसर संध्या तिवारी

नीमच 15 अक्टूबर 2025,
शासकीय महाविद्यालय जीरन में “”भारतीय साहित्य में चरित्र निर्माण और व्यक्तित्व विकास की अवधारणा” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू – कश्मीर से प्रोफेसर संध्या तिवारी , मध्य भारत नागपुर महाराष्ट्र से प्रोफेसर प्रवीण जोशी ने मुख्य वक्ताओ के रूप मे सम्बोधित किया और चरित्र निर्माण और व्यक्तित्व विकास के विभिन्न आयामों को भारतीय साहित्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय वेबिनार की अध्यक्षता अग्रणी महाविद्यालय नीमच के प्राचार्य एवं अंग्रेजी साहित्य के विशेषज्ञ प्रोफेसर श्री प्रशांत मिश्रा ने की । वेबिनार में उपस्थित तथा पंजीकृत लगभग 160 विद्यार्थियों शोधार्थियों एवं साहित्य के प्रति जागरुक सदस्यों को प्रोत्साहित किया गया ।
नीमच डॉ सुरेन्द्र सिंह शक्तावत ने हुए कहा कि ” जहां संवेदना है वही मानवता है एवं संवेदना चरित्र निर्माण का आवश्यक अंग है ” डॉ प्रवीण जोशी ने व्यक्तित्व में बौद्धिक, धार्मिक, शारीरिक, आध्यात्मिक सभी पहलुओं की आवश्यकता पर प्रकाश डाला एवं “सुधार की संभावना” पर जोर दिया। विभिन्न राज्यों के शोधार्थियों ने शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण किया।राष्ट्रीय वेबिनार का समन्वय जीरन महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉ दीपा कुमावत एवं सह समन्वय वंदना राठौर ने किया । वेबिनार में महाराष्ट्र, कश्मीर, तमिलनाडु, केरल, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश आदि राज्यों से शोधार्थी, फैकल्टी एवं प्राध्यापकगण, साहित्यकार एवं विद्वतजन साहित्यकार डॉ पूरण सहगल,डॉ बीना चौधरी,डॉ प्रेरणा ठाकरे,डॉ केशव मणि शर्मा, डॉ संजय जोशी ,डॉ एम एल धाकड़ आदि उपस्थित उपस्थित थे ।यह जानकारी जीरन कालेज के प्राचार्य द्वारा दी गई।