
नीमच 3 सितम्बर 2025,
भारत सरकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, द्वारा संचालित राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन योजना (National Bee keeping and Honey Mission – NBHM) के अंतर्गत, जिले में मधुमक्खी पालन एवं शहद उत्पादन के प्रचार-प्रसार कृषकों की आय दोगुना करने युवा वर्ग हेतु रोजगार सृजन एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 3 एवं 4 सितंबर 2025 को टाउनहॉल (दशहरा मैदान) में दो दिवसीय सेमिनार,कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यशाला के प्रथम दिवस 3 सितम्बर 2025 को मुख्य अतिथि के रूप में विधायक जावद श्री ओमप्रकाश सखलेचा, विधायक नीमच श्री दिलीपसिंह परिहार, जिला स्तरीय समिति अध्यक्ष श्रीमति मनीषा धाकड, श्री आई.एस. तोमर डीन, उद्यानिकी महाविद्यालय मंदसौर एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकगण सहित अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में प्रारंभ में उप संचालक उद्यान नीमच श्री अतरसिंह कन्नौजी नेकार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। विधायक नीमच श्री परिहार ने किसानों को मधुमक्खी पालन एवं शहद उत्पादन कर आय में वृद्धि करने का आव्हान किया। उन्होंने एक पेंड माँ के नाम योजना अंतर्गत किसानों को पौधारोपण के लिए भी जागरूक भी किया। विधायक जावद श्री सखलेचा ने किसानों को कृषि के साथ ही मधुमक्खी पालन करने और शहद उत्पादन कर, अलग-अलग फ्लेवर ऐड करने, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग एवं मार्केटिंग के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम में श्रीमति मनीषा धाकड ने मधुमक्खी पालन के माध्यम से रोजगार सृजन एवं आर्थिक सशक्तिकरण पर विशेष बल दिया गया। श्री आई.एस तोमर, डीन उद्यानिकी महाविद्यालय मंदसौर द्वारा किसानों को शहद उत्पादन, FPO (Farmer Producer Organization) निर्माण एवं उद्यम स्थापित करने हेतु मार्गदर्शन दिया । साथ ही मधुमक्खियों की विभिन्न प्रजातियों, उनके पालन, उत्पाद एवं उनके औषधीय उपयोग के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में जे.पी.सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा कृषकों को मधुमक्खी पालन के महत्व एवं उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में होने वाले लाभ के संबंध में चर्चा की।
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ.सी.पी.पचौरी द्वारा मधुमक्खी पालन की तकनीकी जानकारी एवं व्यावसायिक लाभ पर प्रकाश डाला गया। डॉ.श्यामसुन्दर सारंगदेवोत वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा मधुमक्खी पालन से प्राप्त उत्पादों एवं उनके उपयोग, साथ ही मधुमक्खियों से संबंधित बीमारियों एवं उनके नियंत्रण पर जानकारी दी। डॉ.शिल्पी वर्मा वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा मधुमक्खी पालन को लाभदायक व्यवसाय के रूप में स्थापित करने हेतु आवश्यक जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने लेबलिंग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में जिले के प्रगतिशील कृषक श्री नरेन्द्र कुमार पाटीदार ने किसानों के बीच अपने कृषि अनुभव साझा किए। उन्होंने किसानों को जैविक खेती से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की। जिले के प्रगतिशील मधुमक्खी पालक श्री अनिल कुमार धाकड़ द्वारा कृषकों को शहद उत्पादन एवं मधुमक्खी पालन उद्योग स्थापित करने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।