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तपस्या के बिना नहीं मिलता है मोक्ष का मार्ग- साध्वी सौम्या दर्शना श्री जी मसा,

33 तपस्वियों की तपस्या निमित्त निकला भव्य वरघोड़ा, खूब झूमे श्रद्धालु

नीमच 30 अगस्त 2025

तपस्वी की शक्ति से इंद्र का सिंहासन भी हिल जाता है। तपस्वी की अनुमोदना करने स्वयं देवता धरती पर आते हैं। तपस्या करने वाले को आत्म कल्याण के लिए मोक्ष का मार्ग सरलता से मिलता है। तीर्थंकरों ने भी तपस्या के माध्यम से ही मोक्ष को प्राप्त किया है। तपस्या से रोग दूर होते हैं। तपस्या संसार का सबसे बड़ा शस्त्र है।तपस्या के बिना नहीं मिलता है मोक्ष का मार्ग यह बात साध्वी सौम्या दर्शना श्री जी मसा ने कहीं।वे श्री जैन श्वेतांबर महावीर जिनालय ट्रस्ट एवं चातुर्मास समिति विकास नगर के तत्वाधान में साध्वी सौम्या दर्शना श्री जी महाराज साहब आदि ठाणा 4 के चातुर्मास के मध्य पर्युषण महापर्व के पावन उपलक्ष्य में सीएसवी अग्रोहा भवन में तपस्वियों के बहुमान के लिए आयोजित धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि तपस्या करने से पाप कर्मों की निर्जरा होती है। तपस्या आत्मा का रोग दूर करने की औषधि है। तपस्वी की अनुमोदना करने से हमारे पाप कर्म भी मिटते हैं। यदि हम तपस्वी की अनुमोदना करने के योग्य होते हुए भी यदि हम अनुमोदना नहीं करते हैं तो हमें अगले जन्म में पशु योनि में जन्म लेना पड़ सकता है। साध्वी अक्षय दर्शना जी महाराज साहब ने कहा कि पाप कर्मों की निर्जरा के लिए सम्यक दर्शन चरित्र और सम्यक तत्व को जीवन में आत्मसात करना आवश्यक होता है। तप आराधना की अनुमोदना करने से भी पाप कर्मों का नाश होता है। मन वचन काया से तपस्या की अनुमोदना करते हैं तो आत्म कल्याण और मोक्ष का मार्ग मिलता है।

सभा में भीडभंजन पार्श्वनाथ मंदिर मंडल ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल नागौरी, समाजसेवी युवा ह्रदय सम्राट मनोहर सिंह लोढ़ा ,प्रेम प्रकाश जैन, अनिल बेगानी, महावीर जिनालय ट्रस्ट अध्यक्ष राकेश जैन आंचलिया, चातुर्मास समिति संयोजक राजमल छाजेड़ ,सचिव राजेंद्र बंबोरिया राहुल जैन ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर संगीतकार शुभम नाकोड़ा हितेश नागोरी, गौरव जैन ने तपस्या के चरित्र पर आधारित विभिन्न भजन प्रस्तुत किए ।

धर्म सभा में 8 उपवास की तपस्या करने वाले 33 तपस्वियों को अभिनंदन पत्र एवं पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर रथ यात्रा एवं 8 उपवास की तपस्या करने वाले 33 तपस्वीयों का वरघोडा जुलूस का आयोजन सुबह 8:30 बजे विकास नगर स्थित मनोहर सदन अनिल बेगानी, संजय बेगानी के आवास से प्रारंभ हुआ। रथ यात्रा जुलूस में सबसे आगे बैंड आर्केस्ट्रा पर तपस्या के जीवन चरित्र पर आधारित भजनों की स्वर लहरिया बिखर रही थी। उसके साथ ही गुरुदेव वल्लभ सूरीश्वर जी महाराज की तस्वीर श्रृंगारित की गई थी। इसके साथ ही 11 बग्गीयों में 33 तपस्वी विराजित होकर चल रहे थे। तपस्वी अमर रहे… तपस्या पर आधारित बड़ी संख्या में रंगोली सजाई गई। इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक चढ़ावें की बोलियां लगाई गई जिसमें समाज जनों ने पर उत्साह के साथ सहभागिता निभाई। इस अवसर पर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राकेश पप्पू जैन, सुंदर तांतेड, राजेश कछारा, आशीष सुराणा, आशीष मुरडिया, अनिल चौधरी,  सहित बड़ी संख्या में समाज जन उपस्थित थे।

इस अवसर पर साध्वी अक्षय दर्शना श्री जी महाराज साहब का सानिध्य मिला। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती वंदना राकेश जैन आंचलिया एवं राहुल जैन पगारिया ने संयुक्त रूप से किया।

इंद्रदेव ने भी किया तपस्वियों का स्वागत 

तपस्वियों के वर घोड़े का जुलूस रथ यात्रा के साथ सुबह10 बजे प्रारंभ हुआ। जुलूस नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए 3 किलोमीटर की दूरी तय कर सी एस वी अग्रोहा भवन पहुंचा तब तक बरसात नहीं आई लेकिन जैसे ही तपस्वियों ने सीएसवी अग्रोहा भवन के सभागार में प्रवेश किया और उसके 9 मिनट बाद इंद्रदेव प्रसन्न हुए और बरसात शुरू हो गई।

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