धामनिया में सरकारी भूमि पर फर्जी पट्टा देने और रजिस्ट्री कराने के मामले में बोले विरेन्द्र अहीर और शुभम शर्मा
प्रशासन की जांच में भूमि खरीददार दोषी नही, तो फिर प्रकरण क्यों...?

नीमच, 7 फरवरी 2025
ग्राम पंचायत धामनिया में सरकारी भूमि पर फर्जी पट्टा जारी करने और रिजिस्ट्री कराने के मामले में बघाना पुलिस ने जिस कार्रवाई को अंजाम दिया है उसे गलत बताते हुए पंप संचालक विरेन्द्रकुमार अहीर और भाजपा मंडल महामंत्री शुभम शर्मा ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहां है कि आरोपी सीताबाई बंजारा से उनका रूपयो का लेन—देन था, जिसके बदले में सीताबाई ने उसके अधिपत्य के धामनिया स्थित भूखंड की रजिस्ट्री विरेन्द्र अहीर व शुभम शर्मा के नाम करा दी थी, लेकिन कुछ समय बाद सीताबाई ने उधार लिए रूपये लौटा दिए थे। जिसके बाद रजिस्ट्री को निरस्त करा दी थी। श्री अहीर और श्री शर्मा का कहना है कि हमने तो उचित दस्तावेज देखकर ही रजिस्ट्री करवाई थी। यदि रजिस्ट्री में कोई खामी होती तो पंजीयक अधिकारी उक्त रजिस्ट्री को हमारे नाम नही करते। जिस प्रकार पंजीयक अधिकारी ने उक्त रजिस्ट्री को असल मानकर हमारी रजिस्ट्री कराई उसी प्रकार हमने भी उक्त रजिस्ट्री को असल ही माना। यदि प्रशासन ने उक्त भूमि की रजिस्ट्री को फर्जी बताया है तो उक्त भूमि विक्रेता और सरपंच — सचिव इस मामले में दोषी हो सकते हैं लेकिन हम खरीददार नही, हम तो महज उक्त भूमि के खरीददार थे और उक्त भूमि की बाद में रजिस्ट्री भी निरस्त करा चुके थे। बावजूद उसके पुलिस ने हमारे उपर बेबुनियाद प्रकरण दर्ज किया है।
उन्होने बताया कि जिले भर में कई ऐसे मामले देखने को मिले है जिसमें भूमि विक्रेताओं द्वारा फर्जी रजिस्ट्री करवाई गई है और उन सभी मामलो में पुलिस ने गंभीरता से फर्जी रजिस्ट्री कराने वाले विक्रेताओं पर कार्रवाई भी की है, लेकिन यहां मामला कुछ और ही है, पुलिस ने आनन—फानन में हम क्रेताओं को भी आरोपी बनाया है जो कि सरासर न्यायोचित नहीं है।
ग्राम पंचायत धामनिया में सरकारी भूमि पर सीताबाई को पट्टा जारी करने में दोषी सरपंच और सचिव हो सकते है, जिसमें शिकायतकर्ता दर्शन शर्मा की शिकायत पर भी प्रशासन ने जो जांच की है और जो जांच प्रतिवेदन तैयार किया है उसमें कहीं भी वीरेंद्र अहीर और शुुभम शर्मा को दोषी नही पाया गया, तो फिर पुलिस ने प्रकरण क्यों दर्ज किया, जबकि इस मामले में तो प्रकरण दर्ज करने प्रशासन की और से कोई प्रतिवेदन भी बघाना पुलिस के पास नही गया। यदि इसी तरह भूमि क्रेताओ पर पुलिस जबरन प्रकरण दर्ज करने लगी तो नीमच जिले में कोई भी व्यक्ति व्यवसाय नही कर पाएगा। उन्होने कहां कि वे इस मामले में उचित फोरम पर शिकायत करेंगे चूंकि वर्तमान में उक्त भूमि विरेन्द्र अहीर या शुभम शर्मा के नाम पर दर्ज नही है, औैर न ही प्रशासन के जांच प्रतिवेदन है उनका नाम है। पुलिस ने बिना जांच किए इस मामले में प्रकरण दर्ज किया है।