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चमत्कारी निरोगी मां भादवामाता के दरबार में लगा नववर्ष की पहली सुबह भक्तों का ताता

समाजसेवी अरुल अशोक जी अरोरा अविनाश ग्रुप परिवार ने लगाया मां भादवा को भोग और भक्तों के लिए किया महाप्रसादी का आयोजन

नीमच, 02/01/2024, मंगलवार 

नीमच जिले की वैष्णो देवी नाम से प्रसिद्ध चमत्कारिक एवं भक्तों के दुख हरने वाली भादवा माताजी के दरबार में नव वर्ष पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा दूर-दूर से माता जी के भक्त माता जी के दर्शन करने आए।।

इसी उपलक्ष्य में नीमच के भादवा माता जी के अनन्य भक्त एवं समाजसेवी श्री अरुल अशोक अरोरा (गंगानगर) परिवार ने सपरिवार माता जी को भोग लगाकर प्रसादी का आयोजन किया एवं पधारे हुए भक्तों को प्रसादी वितरित की और मां भादवामाता जी से नीमच क्षेत्र की उन्नति और प्रगति की मंगल कामना की।।

भादवामाता का इतिहास

मान्यता है कि 800 साल पहले रूपा नाम के आदिवासी को देवी ने सपने में दर्शन देकर कहा कि गांव से कुछ दूर जंगल में मूर्ति दबी हुई है। उसे निकालकर स्थापित करो, ताकि वे मानव जाति के कष्टों को मिटा सकें। इसके बाद खुदाई कर देवी की मूर्ति को निकालकर स्थापित किया गया, जिन्हें आज सभी भादवा माता नाम से पूजते हैं। भक्तों द्वारा जब से मंदिर निर्माण कराया गया, तब से आदिवासी समाज द्वारा पूजा की जा रही है।

जमीन से निकली है जल धारा

महामाया भादवा माता के बारे में मान्यता है कि मां के दर्शन मात्र से ही बड़े से बड़ा रोग ठीक हो जाता है। इसके अलावा मंदिर परिसर में बने कुंड के पानी से लकवा सहित असाध्य रोग ठीक हो जाते हैं। जब से माता यहां विराजित हुई हैं तभी से बावड़ी भी अस्तित्व में आई है और माता ने खुद ही भक्तों को रोग मुक्त करने के लिए जमीन से जल की धारा निकाली थी।

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