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विधायक, कलेक्‍टर एवं एस.पी. ने भादवा माता में नवरात्रि मेला तैयारियों का जायजा लिया आवश्यक व्यवस्थाओं का अवलोकन किया

नीमच 22 सितंबर 2025,

जिले के सुप्रसिद्ध धार्मिक आस्था के केंद्र ,आरोग्य स्थल महामाया मां भादवा माताजी में सोमवार 22 सितम्‍बर 2025 से शारदीय नवरात्रि पर्व शुरू हो रहा है। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी भादवामाता जी में नवरात्रि मेला आयोजित किया जा रहा है। इस मेले में लाखों श्रद्धांलु माताजी के दर्शन करने आएंगे।

भादवामाता में आयोजित होने वाले नवरात्रि मेले में आवश्यक व्यवस्थाओं को लेकर रविवार कों विधायक नीमच श्री दिलीपसिह परिहार, कलेक्‍टर श्री हिमांशु चंद्रा, एस.पी.श्री अंकित जायसवाल ने भादवा माता में मेला परिसर , माताजी के दर्शन करने आने जाने के रूट कों देखा और निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। नवरात्रि के दौरान पार्किंग व्यवस्था , मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश की व्यवस्था आदि विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया और अधिकारियों को आवश्‍यक निर्देश भी दिए।

इस मौके पर संस्थान के एसडीएम श्री संजीव साहू, मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्यगण एवं कर्मचारियों तथा श्रद्धालु उपस्थित थे।

विधायक, कलेक्‍टर एवं एस.पी. ने भादवामाता मंदिर पर धर्म ध्‍वजा चढ़ाई और महाआरती में भी भाग लिया।

मंदिर का परिचय:- महामाया मां भादवा माता मंदिर नीमच जिला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर दूर ग्राम भादवा माता में स्थित है। यह मंदिर मालवा की वैष्णो देवी के नाम से प्रसिद्ध है और लगभग 800 साल पुराना है। मंदिर में देवी मां की मूर्ति अतिप्राचीन व चमत्कारी मानी जाती है।

मंदिर की मान्यताएं:- देवी मां के दर्शन मात्र से बड़े से बड़ा रोग ठीक हो जाता है। मंदिर परिसर में बनी बावड़ी के पानी से लकवा सहित गंभीर रोग ठीक हो जाते हैं। मंदिर में अखंड ज्योत प्रज्ज्वलित है, जिसके दर्शन व पूजन का विशेष महत्व है। नवरात्रि के दौरान मंदिर में भव्य मेले का आयोजन होता है, जिसमें लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं। नववर्ष पर भी मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं और भक्तों की बड़ी संख्या में भीड़ जमा होती है।

मंदिर की विशेषताएं:- मंदिर परिसर में एक प्राचीन बावड़ी है, जिसका पानी चमत्कारी माना जाता है। मंदिर में देवी मां के चरणों में चांदी के बकरे व मुर्गे अर्पित किए जाते हैं। मंदिर को प्रसिद्ध आरोग्य स्थल के रूप में जाना जाता है, जहां भक्त अपने रोगों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं।

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