स्वास्थ्य विभाग ने दी नागरिकों को शीत लहर से बचाव की सलाह

नीमच 2 जनवरी 2025,
स्वास्थ्य विभाग द्वारा शीत लहर से बचाव व सुरक्षा की सलाह देते हुए बताया गया, कि सर्द हवाओं के कारण स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ने के साथ ही यदाकदा मृत्यु होना भी संभावित हैं। शीत लहर का नकारात्मक प्रभाव वृद्धजनों एवं 5 वर्ष के छोटे बच्चों पर अधिक होता है। इसके अतिरिक्त दिव्यांगजनों, बेघर व्यक्तियों, दीर्घकालिक बीमारियों से पीडि़त रोगियों, खुले क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले छोटे व्यवसायियों के लिए भी शीतलहर के दौरान विशेष सतर्कता बरतना आवश्यक हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.दिनेश प्रसाद ने जिले के नागरिकों को शीत लहर से बचाव की सलाह देते हुए बताया, कि गर्मवस्त्र एवं कई परतों में कपड़ों का उपयोग कर, ठण्ड से बचा जा सकता है। शीत लहर के दौरान नाक बहना, नाक बंद होना प्लू नाक से खून आने जैसे लक्षण सामान्यत: पाए जाते है, जिसके लिए तत्काल निकटस्थ चिकित्सक से सलाह प्राप्त की जाए। ऊनी कपड़ों के कई परतों द्वारा सिर, गर्दन, हाथ एवं पैरों की उंगलियों का ढँकना चाहिए। विटामिन सी युक्त फल एवं सब्जियों का पर्याप्त सेवन करना चाहिए, ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं शारीरिक तापमान संतुलित रहे। बंद कमरों में कोयला-अंगीठी या अलाव के उपयोग से बचाना चाहिए, क्योंकिं इनसे उत्सर्जित खतरनाक कार्बनमोनोऑक्साईड गैस से मृत्यु होना संभावित हैं। फॉस्टबाईट के लक्षण जैसे उँगलियों, कान, नाक अथवा पैर की उँगलियों की सफेदी या फीकापन शीत लहर के दौरान देखे जा सकते हैं। फॉस्टबाईट के दौरान कप-कंपी आना, बोलने में कठिनाई होना, अधिक नींद आना, मांसपेशियों में अकड़न, सांस लेने में कठिनाई कमजोरी जैसे लक्षण के साथ-साथ बेहोशी भी हो सकती हैं। अल्पताप /Hypothermia एक मेडिकल आकस्मिकता हैं। जिसके लिए तुरन्त चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए। शारीरिक तापमान को बनाए रखने के लिए कंबल, टॉवेल, शीट आदि की कई परतों से शरीर को ढंके। गरम पेय पदार्थ देकर शारीरिक तापमान को बढा़ए। मदिरापान से बचे, क्योकि इससे शारीरिक तापमान घटता है एवं हथेलियों की रक्त धमनियों में संकुचन होने से अल्पताप/Hypothermia की अधिक संभावना होती हैं।