
नीमच, 19 जून 2024, बुधवार
उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने कहा है, कि राज्य की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से गतिशील हो गई है। पूंजीगत व्यय लगातार बढ़ रहा है। अधोसंरचनात्मक विकास की गति को निरंतर बनाए रखने के लिए रणनीतियां बनाई जा रही हैं। श्री देवड़ा प्रशासन अकादमी भोपाल में प्रदेश के बजट निर्माण के लिए विषय-विशेषज्ञों के साथ संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मध्यप्रदेश के बजट को नागरिकों की अपेक्षा के अनुसार बनाने और उनकी विकास योजनाओं को पूरी करने के उद्देश्य से समाज के सभी वर्गों से बजट निर्माण के लिए सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। श्री देवड़ा की पहल पर बजट पूर्व संवाद की परंपरा शुरू हुई थी। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वित्त श्री मनीष सिंह, सचिव वित्त श्री अजीत कुमार, संचालक बजट श्री बक्की कार्तिकेएन, उप सचिव श्री राजीव रंजन मीना, उप सचिव श्री फ्रैंक नोबेल एवं वित्त विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
श्री देवड़ा ने संवाद सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रधानमंत्री के संकल्प को पूर्ण करने में मध्यप्रदेश का उल्लेखनीय योगदान होगा।
श्री देवड़ा ने ऊर्जा क्षेत्र को और ज्यादा मजबूत बनाने इसके लिए विशेषज्ञों से सुझाव मांगे हैं। उन्होंने कहा कि डायनामिक वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को फिर से वित्त मंत्रालय का दायित्व मिलना प्रदेश के लिए यह शुभ संकेत है। समय-समय पर उनसे मिले मार्गदर्शन से मध्य प्रदेश का वित्तीय प्रबंधन बेहतर साबित हुआ है। संवाद सत्र में भाग ले रहे विशेषज्ञों और विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश के बजट निर्माण के लिए उपयोगी सुझाव दिए।
डिजिटल साक्षरता जरूरी श्री हेमंत सोनी महाप्रबंधक रिजर्व बैक ऑफ इंडिया ने जलवायु जोखिम, पर्याप्त भंडारण स्थान, किसानों और छात्रों के लिये वित्तीय और डिजिटल साक्षरता पर जोर देने की आवश्यकता बताई। क्लस्टर स्तर पर न्यूनतम बुनियादी ढ़ाचा बनाने की आवश्यकता है। इसके लिये बजट में प्रावधान ज्यादा होना चाहिए।
श्री नंदू जे. नाइक उप महा प्रबंधक नाबार्ड ने सिंचाई के क्षेत्र में फोकस करने की आवश्यकता बताई। हार्टीकल्चर एवं माइक्रो सिंचाई, इंपोर्ट मार्केट बढ़ाने की आवश्यकता है। लॉजिस्टिक एवं कॉर्पोरेट सेक्टर में कार्य किया जाना चाहिए। साथ ही किसानों के छोटे-छोटे ग्रुप बनाये जाना चाहिए। पूंजीगत व्यय बढ़ाना होगाप्रो. सी.प्रताप रंजन जैना नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एण्ड पॉलिसी नई दिल्ली ने विभिन्न क्षेत्रों में पूंजीगत व्यय बढ़ाने का सुझाव दिया । उन्होंने कहा कि राज्य की जीडीपी बढ़ाने वाले सभी क्षेत्रों में निवेश को आगे ले जाने की आवश्यकता है।