
नीमच 10 अक्टूबर 2025,
नीमच जिले की जावद उपजेल ने प्रदेश में सुधार की दिशा में एक नई मिसाल कायम की है। यहां कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए शुरू की गई अभिनव पहल “नवधारा जेल वाणी” प्रदेश की पहली ऐसी सब-जेल रेडियो सेवा बन गई है, जिसे पूरी तरह कैदियों द्वारा कैदियों के लिए संचालित किया जा रहा है।
यह पहल कैदियों के लिए केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मसुधार, मानसिक शांति और आत्मविश्वास की नई राह बन गई है। हर सुबह रेडियो स्टेशन से प्रार्थना, भजन और श्रीमद गीता के श्लोक प्रसारित होते हैं, जो पूरे परिसर में आध्यात्मिक माहौल बनाते हैं। भगवत वहीं दोपहर के समय फरमाइश पर गाने बजाए जाते हैं, जिन्हें कैदी अपने परिजनों को समर्पित करते हैं। यह क्षण उनके लिए भावनात्मक जुड़ाव और आत्मचिंतन का अवसर बन जाता है।
कैसे चलता है यह रेडियो स्टेशन
कैदी अपनी पसंद के गीत बैरकों से लिखित रूप में देते हैं। इन गीतों को कंप्यूटर के माध्यम से यूट्यूब से चुना जाता है और जेल परिसर में लगे स्पीकरों पर प्रसारित किया जाता है। भक्ति, प्रेरणादायक और पारिवारिक गीतों की धुनों से जेल में हर दिन नई ऊर्जा और आशा का संचार होता है।
जेलर की सोच बनी प्रेरणा का स्रोत
इस प्रेरक पहल के पीछे हैं जावद उपजेल के जेलर डॉ. अंशुल गर्ग, जिनकी सोच ने इस प्रयोग को जन्म दिया। जेलर डॉ. गर्ग बताते हैं, कि “कैदियों का ध्यान नकारात्मक प्रवृत्तियों से हटाकर उन्हें आत्मनिर्भर और सकारात्मक दिशा में लाने के लिए ‘नवधारा जेल वाणी’ शुरू की गई है। इससे बंदियों में अनुशासन, आत्मविश्वास और जीवन के प्रति नई दृष्टि विकसित हो रही है।”
उन्होंने बताया, कि जेल में रेडियो स्टेशन के साथ नर्सरी, जैविक खाद निर्माण, कंप्यूटर क्लासेस और मनोवैज्ञानिक सुधार कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं, ताकि कैदी आत्मनिर्भर बन सकें।
एक कैदी RJ ने कहा— “सुबह गीता के श्लोकों और भजन से दिन की शुरुआत हमें शांति देती है। यह रेडियो हमें नई पहचान और उम्मीद दे रहा है।”
“नवधारा जेल वाणी” अब केवल आवाज़ नहीं, बल्कि सुधार की दिशा में बजता विश्वास का स्वर बन चुकी है।