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छोड़ने जैसा संसार लेने जैसा संयम-साध्वी सुचिता श्रीजी मसा,

महावीर जिनालय ‌ विकास नगर श्री संघ में साध्वी सोम्यरेखा श्रीजी साध्वी ‌वृंद की निश्रा में नेमीनाथ दीक्षा कल्याणक महोत्सव मनाया

नीमच, 10 अगस्त 2024, शनिवार 

संसार में रहते हुए मनुष्य पाप कर्म में निरंतर फंसता जाता है ।वह बच नहीं पाता है। लेकिन यदि वह संसार में रहते हुए पुण्य पुरुषार्थ के धार्मिक कार्यक्रमों से जुड़ा रहे तो पाप से बच सकता है और पुण्य से जुड़ सकता है। जिसका पुण्य प्रबल होता है उसे संयम का मार्ग मिल जाता है और उसका जीवन मोक्ष की ओर आगे बढ़ जाता है। इसलिए

छोड़ने जैसा संसार, लेने जैसा संयम होता है।

यह बात साध्वी सोम्यरेखा श्री जी महाराज साहब की सुशिष्या साध्वी सुचिता श्रीजी मसा ने कही।वे जैन श्वेतांबर महावीर जिनालय ट्रस्ट विकास नगर श्री संघ के तत्वाधान में श्री महावीर जिनालय विकास नगर‌ आराधना भवन नीमच में आयोजित धर्म सभा में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि‌ तीर्थंकर नेमीनाथ के जीवन से प्रेरणा ले तो हमारे जीवन में परिवर्तन हो सकता है। संयम जीवन का पालन करने से पाप मिट जाते हैं और पुण्य बढ़ जाता है।

इस अवसर पर साधु संतों के संयम उपकरण ओगा के धार्मिक चढ़ावे की लगाई गई जिसमें समाज जनों ने उत्साह के साथ सहभागिता निभाई ओगा चढ़ावे की बोली का धर्म लाभ संजय बेगानी परिवार ने लिया। धर्म सभा का संचालन श्रीमती वंदना राकेश आंचलिया जैन ने किया तथा आभार ट्रस्ट अध्यक्ष राकेश जैन ने माना।इस वर्षावास में सागर समुदाय वर्तिनी सरल स्वभावी दीर्घ संयमी प.पू. शील रेखा श्री जी म.सा. की सुशिष्या प.पू.सौम्य रेखा श्री जी म सा, प.पू. सूचिता श्री जी म सा, प.पू.सत्वरेखा श्री जी म साआदि ठाणा 3 का चातुर्मासिक तपस्या उपवास जप व विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के साथ प्रारंभ हो गया है।

श्री संघ अध्यक्ष राकेश आंचलिया जैन, सचिव राजेंद्र बंबोरिया ने बताया कि प्रतिदिन 9:15 बजे‌ चातुर्मास में विभिन्न धार्मिक विषयों पर ‌विशेष अमृत प्रवचन श्रृंखला का आयोजन होगा । समस्त समाज जनअधिक से अधिक संख्या में पधार कर धर्म लाभ लेवें एवं जिन शासन की शोभा बढ़ावे।

नेमिनाथ -राजुल नाटिका ने मन मोह लिया

दीक्षा कल्याण के मध्य बच्चों ने नेमिनाथ राजुल के संयम चरित्र पर आधारित एक नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जिसमें नेमिनाथ प्रभु द्वारा अपने विवाह के समय पशुओं की क्रंदन आवाज सुनकर विवाह का त्याग कर दिया था और संयम जीवन को आत्मसात करने के लिए गिरनार की ओर अपने कदम बढ़ा दिए थे। राजुल और राजुल की सखी का धार्मिक संवाद ,नेमी और सारथी प्रश्न उत्तर सभी के मन को भा गये। राजुल की आंखें भर आई जिसे देख कर सभी भाव विहृल हो गए।नेम कुमार की बारात महावीर जिनालय मंदिर से ढोल धमाका के साथ निकाली गई। सभी बाराती पगडी पहन सहभागी बने। इस अवसर पर भजन गायक कलाकार शुभम चौहान नाकोड़ा एवं हितेश नागौरी द्वारा वीरती धर लो वेश प्यारो प्यारो लागे… जहां नेमी के चरण पड़े गिरनार की धरती है.. भजन प्रस्तुत किये।बालिकाओं ने समाज को संयम जीवन की शिक्षा का संदेश दिया। नृत्य नाटिका में नेम कुमार का अभिनय अक्षरा भंडारी, राजुल सती का अभिनय सुचिता चौहान, राजुल की सखी का अभिनय आरती तांतेड़, नेम कुमार के सारथी का अभिनय तनिष्का जैन, उग्रसेन राजा राजुल के पिता का अभिनय राजेंद्र बंबोरिया, राजुल की माता श्रीमती मंजू बंबोरिया आदि ने अपने-अपने कुशल अभिनय से सभी का मन मोह लिया था। नाटिका में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों का समाज जनों ने नगद राशि पुरस्कार प्रदान कर सम्मान किया।

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