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महावीर स्वामी का निवार्ण भी मानवता के लिए कल्याणकारी प्रेरणा-साध्वी सुचिता श्रीजी मसा, 

महावीर जिनालय ‌ में उतराध्यन सुत्र तप साधना प्रवाहित...

नीमच 31 अक्टूबर 2024

पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों के लिए दया और करुणा का भाव रखते हुए महावीर स्वामी ने तपस्या की थी जो आज भी प्रेरणादाई प्रसंग है। महावीर स्वामी जी ने 72 वर्ष की आयु में मानवता के कल्याण के लिए साढ़े 12 साल तक उपसर्ग परिषह सहन किया था। जबकि वास्तव में हम 1 घंटे भी कष्ट सहन नहीं कर सकते हैं। चिंतन का विषय है। युवा वर्ग को महावीर स्वामी से त्याग की प्रेरणा लेनी चाहिए महावीर स्वामी धरती पर त्याग का प्रतीक थे।

महावीर स्वामी का निवार्ण भी कल्याणकारी प्रेरणा है।यह बात साध्वी सोम्यरेखा श्री जी महाराज साहब की सुशिष्या साध्वी सुचिता श्रीजी मसा ने कही।वे जैन श्वेतांबर महावीर जिनालय ट्रस्ट विकास नगर श्री संघ के तत्वाधान में श्री महावीर जिनालय आराधना भवन नीमच में धर्म आगम पर्व के उपलक्ष्य मेंआयोजित धर्म सभा में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि‌ तीर्थंकर का जितना आयुष लिखा होता है उतनी ही आयु तक जीवित रहते हैं। एक क्षण भी अधिक नहीं जी सकते हैं। महावीर स्वामी ने अपने निवार्ण से तीन दिन पूर्व ही उपवास शुरू कर दिए थे। महावीर स्वामी के निवार्ण से प्रेरणा लेना चाहिए की प्रेरणा लेकर हम भी मुक्ति की ओर अग्रसर हो। तक आत्मा में लेने रहे ऐसे पुण्य कर्म करें। तो हम अभूतपूर्व सुख को प्राप्त कर सकते हैं।

साध्वी मसा ने हस्तीपाल शाला में प्रभु के 55 अध्ययन, चातुर्मास मानवता के हित शिक्षा के लिए अंतिम देशना, अंतिम भव अंतिम समय, 29 वे अध्याय में सम्यक तत्व पराक्रम 76 गाथा, 30वें अध्याय में तपो मार्ग 37 गाथा अनोदरी तप, 31वें अध्याय में काल अनोदरी,साधु चरित्र वर्णन विधि अध्ययन 21 गाथा साधु चरित्र वर्णन 10 प्रकार, 32वें अध्याय में परमाद से दुर्गति 111 गाथा, 33वें अध्याय में कर्म प्रवृत्ति ,अध्ययन 25 गाथा 158 कर्म प्रकृति, जन्म की खुशी नहीं ,मृत्यु को महोत्सव मनाने ,34वीं अध्ययन में लेश्या अध्ययन 6 प्रकार के अध्ययन जिसमें शुक्ल, कृष्णा, तेजो वैश्या, पदम तैजो लेश्या, अध्ययन में अणगार, 36वें अध्ययन में जीव 55 पाप के 45 पुण्य, भक्ति पुण्य पाप आदि उत्तराध्यन सूत्र के धार्मिक विषयों का वर्तमान परिपेक्ष्य में महत्व प्रतिपादित किया।

इस वर्षावास में सागर समुदाय वर्तिनी सरल स्वभावी दीर्घ संयमी प.पू. शील रेखा श्री जी म.सा. की सुशिष्या प.पू.सौम्य रेखा श्री जी म सा, प.पू. सूचिता श्री जी म सा, प.पू.सत्वरेखा श्री जी म साआदि ठाणा 3 का चातुर्मासिक तपस्या उपवास जप व विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के साथ प्रारंभ हो गया है।

श्री संघ अध्यक्ष राकेश आंचलिया जैन, सचिव राजेंद्र बंबोरिया ने बताया कि प्रतिदिन 7.30 बजे‌ चातुर्मास में धार्मिक विषयों पर ‌विशेष अमृत प्रवचन श्रृंखला का आयोजन हो रहा है ।

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