
नीमच, 21 जून 2024, शुक्रवार
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सब जावद जेल में योग गुरु ने जेल के कैदियों और कर्मचारियों ने योग का अभ्यास कर जीवन जीने की कला सिखाई। जेलर चंदरलाल परमार ने कैदियों को संबोधित करते हुए कहा- योग भारतीय ऋषि-मुनियों की अथक साधना व तपस्या से हासिल हुई सिद्ध विधि है। योग के माध्यम से भारत विश्व में शांति और मानवता के कल्याण की ओर अग्रसर है। योग भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है, यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है। आगे जेलर ने कहा कि योग रोजमर्रा की जिंदगी में संतुलित रवैया बनाए रखने के तरीके विकसित करता है। व्यक्ति के कामों को करने में कुशलता प्रदान करता है। योग गुरु ने ताड़ासन, वृक्षासन, हास्यासन, भ्रामरी, ध्यान एवं प्राणायाम की विधियों के बारे में बताया। इस दौरान जेल कर्मचारी व जेल बंदी उपस्थित रहे।